हाय दोस्तो कैसे हो आप लोग उम्मीद करता हूँ की अच्छे होंगे मैं आपको आज अपनी एक और मजेदार वासना से भरी कहानी आपके लिए लेकर आया हूँ वो भी सिर्फ अनिशा रॉय डॉट कॉम के Udaipur escort service के माध्यम से । आपने मेरी पिछली कहानी को पढ़ने के लिए मुझे बहुत सी मेल आई उसमे से एक मेल दिल्ली की थी वो मेल एक आंटी की थी उनको मेरी कहानी पसंद आई थी और वो मुझसे मिलना चाहती थी मैंने उन्हें अपना एक मेल भेजा और उसमे मैंने उन्हें अपना नंबर भी दिया ३ दिन बाद उसी आंटी ने मुझे कॉल किया और और हमारे बीच काफी देर तक फ़ोन पर बात हुई ये सिलसिला करीब १५ दिन तक चलता रहा एक दिन हम ऐसे ही फ़ोन पर बात कर रहे थे तभी उन्होंने मुझे अपने बारे में बताया कि उसकी उम्र 32 साल है, वो अभी तक अविवाहित है और वो यही दिल्ली में नौकरी करती है और दिल्ली में अपना एक फ्लैट ले के रहती हैं। उन्होंने कहा की जब से मैंने आपकी कहानी पढ़ी है तभी से मैं तुमसे मिलने के लिए सोच रही थी
आंटी ने मुझसे बोला संडे को उनकी छुट्टी रहती है और वो संडे मैं मेरे साथ एन्जॉय करना चाहती है मैंने आंटी को प्रॉमिस किया और उनसे मिलने की जगह पूछी तो आंटी ने बोला तुम मेरी स्टोरी भी नेट पर पोस्ट करोगे ना? मैंने कहा हां वो तो है लकिन मैं अपना नाम और पता नहीं पोस्ट करूंगा ये इच्छा रखूंगा। आंटी ने मुझे अपने नजदीकी मेट्रो स्टेशन पर बुलाया। और मैंने कहा की ठीक है ये जो संडे आएगा उसमे हम खूब सारा एन्जॉय करेंगे। फिर ३ दिन बाद संडे का दिन था।
मैं संडे की सुबह 10 बजे तक वहां पहुंच गया जहां आंटी में मुझे फ़ोन पर मेट्रो स्टेशन बताया था मैं वही जाके आंटी को कॉल किया तो वो अब रास्ते में थी थोड़ी देर बाद वो आई मैं उनको आंटी इसलिए कह रही हूं क्योंकि उन्हें अपनी उम्र 32 साल बताई गई थी पर उनकी उम्र 35 साल या 36 साल की होगी। आंटी सुंदर थी, गोरी थी और स्वस्थ थी उनका वज़न 70 किलो के आस पास होगा
हमने रिक्शा किया और हम आंटी के घर जाने लगे। रिक्शे में मैंने अपना हाथ आंटी की जांघ पर रख दिया, वाह यार बहुत मुलायम और सिल्की थी आंटी की जांघ उन्हें हल्की कमीज पहननी थी और अच्छी लग रही थी घर पहुंच के उन्हें चाय बनाई और हम साथ बैठ के चाय पीने लगे और बात करने लगे थोड़ी। इधर उधर की बातें, थोड़ी फैमिली की बातें बस यहीं सब फिर से आंटी कप रखें किचन में जाने लगी तो मैंने बोला दीजिए मैं रख देता हूं असल में आंटी की बातों से मैं समझ गया था कि उनकी लाइफ में केयर की कमी है उन्हें मन किया पर मैंने जबरदस्त कप धोए और किचन में रखा फिर मैं आंटी के पास बिस्तर पर आ के बैठ गया और उनके हाथों को अपने हाथ में ले लिया आंटी मुस्कुरा रही थी और मैं उनकी हथेलियों को सहला रहा था और अपने हाथों से चूम रहा था।
फिर मैंने अपना एक हाथ आंटी की चुचियों पर रख दिया और उन्हें मसलने लगा, आंटी ने शर्मा के नज़रें झुका लिया। मैं आंटी के और पास आ गया और उन्हें अपनी बाहों में भर के उनके चेहरे पे किस करने लगा, फिर आंटी को भी सेक्स करने लगा, उनकी सांसे तेज होने लगी और आंटी का हाथ मेरे हिप्स पर आ गया आंटी ने मेरे हिप्स को कस के पकड़ लिया लिए और ठंडी ठंडी आनहें भरने लगी मेरा जोश भी बढ़ने लगा मैं आंटी को होंटो को अपने होठों से ले के चुसने लगाआंटी की चुचियां सख्त होने लगीं मैंने आंटी को बिस्तर पर लिटा दिया और उनकी कमीज निकल दिया आंटी ने सफेद ब्रा पहन ली थी मैंने उसको भी निकाल दिया और उनकी चुचियां को पैडक के मसलने लगा और कबी उनकी बगीचे पर चुंबन करता-करता कभी उनके कानों को अपने होठों में पकड़ लेता कभी उनके कानों को चूमने लगता
आंटी ने भी मेरी पैंट खोल दिया और मेरी अंडर वियर भी उतार दिया आंटी ने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया और आंटी की बड़ी बड़ी चुचियों को मसल मसल कर चूसने लगा आंटी की चुचियां बहुत मस्त थी मुझे बड़ा मजा आ रहा था मैंने आंटी की नबी में अपनी जेब डाल के आंटी को गुदगुदी करने लगा फिर मैंने आंटी की सलवार और पैंटी भी उतार दी और उनकी जांघों को चूमने लगा और उनकी चूत को सहलाने लगा
आंटी एकदम पागल हो गाई और ज़ोर ज़ोर से आहें भरने लगी फिर मैंने उन्हें उल्टा लिटा दिया और उनको हिप्स को कस के पकड़ लिया और उनके हिप्स को चूमने लगा आंटी के हिप्स भी भरे भरे और बहुत मुलायम और रेशमी थे फिर मैंने अपने लंड को उनके हिप्स पर रगड़ा लगा तो आंटी ने बोला पीछे से मत डालना मैंने कहा आप बेफिकर रहो आंटी मुझे हिप्स बहुत पसंद हैं इसलिए इनसे खेल रहा हूं डालूंगा आगे से ही।
थोड़ी देर तक मैं उनके कूल्हों को चुमता और सहलाता रहा फिर से आंटी को सीधा किया और उनकी दोनों जांघों को हाथ से दबा के उनकी चूत को चूसने लगा मैंने जैसे ही उनकी चूत को चूसना शुरू किया आंटी बिल्कुल पागल सी हो गई वो सिसकने लगी और मेरे बालों को पकड़ लिया और मेरे मुँह को कास के अपनी चूत में दबाने लगी फिर थोड़ी देर बात मुझे लगा कि आंटी अब पानी छोड़ने वाली हैं तो
मैं हट गया और उनकी चूत में उंगली डाल दिया मेरे उंगली डालते ही आंटी ने ढेर सारा पानी चोर दिया फिर भी मैं आंटी की चूत को सहलाता रहा थोड़ी देर बाद आंटी फिर से गरम होने लगी तो मैंने उन्हें अपना लंड चूसने को कहा। आंटी ने बोला नहीं उन्हें लंड चूसना पसंद नहीं मैंने कहा आंटी करो तो वो बोली मुझे उल्टी हो जाती है फिर मैंने अपने लंड पर कंडोम चढ़ाने को बोला तो आंटी ने मेरे लंड को कंडोम पहन लिया और मैंने अपना लंड आंटी की चूत में डाल दिया
आंटी ने एक ज़ोर से देखा आअहह भाई और मेरी आंटी की चुचियों को मुँह में दबा के खापा खापा खाप चोदना चालू कर दिया। आंटी का जिस्म मेरे लंड के धक्के से हिल रहा था और आंटी की चूत एकदम गिली हो गई थी, उनका चूत रस उनकी चूत से बाहर निकल रहा था। फिर थोड़ी देर बाद मेरे लंड ने भी पानी चोर दिया।
आंटी की चुदाई करने के बाद माई वही लेट गया और अपनी उंगली उनकी चूत में डाल के सहलाने लगा थोड़ी देर बाद आंटी ने कहा बस करो माई नहाने जा रही हूं मैंने कहा आंटी साथ में नहाया जाएगा मजा आएगा आंटी को मेरा आइडिया अच्छा लगेगा फिर हम दोनों नंगे बाथरूम में चले गए। आंटी ने शॉवर चालू कर दिया और हम एक दूसरे की जिस्म से लिपटे शॉवर में भीगने लगे। आंटी ने कहा उन्हें बारिश में बहुत पसंद है
मैंने उनके जिस्म को सबुन लगाया उनकी चूची पे उनकी चूत पे भी और उनकी गांड पर फिर मैंने उनको और अपने जिस्म को पोंचा और हम बाहर आ गए मैंने अपनी अंडर वियर और पैंट पहन ली और फिर मैंने आंटी से पूछा आप कौन से कपड़े पहनोगे? मैंने उनको आलमारी से निकाल से उनकी पैंटी पहनी और उनकी ब्रा बांधा फिर एक अच्छी सी ड्रेस निकाली के उनको अपने हाथ से पहन लिया और मैंने उनके बालों में कांगी भी किया।
आंटी बहुत खुश थी फिर आंटी ने कहा रुको दोपहर का खाना खा के जाना फिर हमने मिल के पनीर की सब्जी बनाई और साथ मिल के खाया सच में मुझे और आंटी दोनो को बहुत मजा आया। मेरा तो नेचर ही केयरिंग है हमने वो पल साथ में एक पति-पत्नी के तरह बिताया फिर आंटी मुझे मेट्रो तक छोड़ने मेरे साथ आई और कहने लगी अगले रविवार फिर आना आंटी के साथ इतना वक्त
बीता के माई उनको दर्द से समझ आया था कि उन्हें सेक्स नहीं प्यार चाहिए मैंने कहा ठीक है आंटी पर हम अगले रविवार कहीं बाहर घुमने जाएंगे आप लोगो को ये कहानी कैसी लगेगी कृपया जरूर बताएं।